अमृत गंगा 32

अमृत गंगा की आज बत्तीसवीं कड़ी में अम्मा बता रही हैं कि हमें अनावश्यक विचारों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। विचार तो आते-जाते रहेंगे लेकिन हमें उन्हें गहरे नहीं जाने देना चाहिए। अगर उन्होंने डेरा डाल लिया तो फिर उन्हें उखाड़ फेंकना कठिन हो जायेगा। हम छोटी पौध को तो आसानी से उखाड़ सकते हैं लेकिन किसी पेड़ की जड़ें जब गहरी चली जाती हैं तो उसे उखाड़ना मुश्किल हो जाता है। हम देह-मन-बुद्धि के स्तर पर रह रहे हैं। इसकी बजाय, हमें अन्तर्मुखी होना चाहिए।

इस कड़ी में, अम्मा की सिंगापुर यात्रा जारी है। और इसी कड़ी में सुनिए, अम्मा का गाया हुआ भजन..दुर्गे दुर्गतिहरणे