अमृत गंगा 25
अमृत गंगा की पच्चीसवीं कड़ी में, अम्मा ने कहा कि हालाँकि हम सबको सफ़लता और ख़ुशी की चाह होती है, लेकिन रास्ते में अड़चनें आती रहती हैं। किसी की समस्या निजी-सम्बन्धों को ले कर होती है तो किसी को आर्थिक या स्वास्थ्य-सम्बन्धी! लेकिन एक समस्या जो हम सबके लिए सामान्य है, वो है चिंता! हमारी सबसे बड़ी शत्रु! अगर हम चिंता का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि यह भय और कुछ कष्टकारी विचारों की पुनरावृत्ति के सिवा कुछ नहीं। इसकी बजाय, हमें अपने मन्त्र का जप करना चाहिए। अम्मा कहती हैं कि हमारी जितनी भी बाहरी समस्याएं हैं, उनके समाधान की ओर पहला कदम है चिंता पर जय पाना!
इस कड़ी में, आप देखेंगे..अम्मा की टोरोंटो, कैनेडा की यात्रा और अम्मा का गाया हुआ भजन, ‘मात भवानी महेशी अम्बे..’

Download Amma App and stay connected to Amma